चार्जशीट दायर होने के बावजूद भाजपा सरकार बेशर्मी से मंत्री संदीप सिंह को क्लीन चिट देती रही: अभय सिंह चौटाला
प्रधानमंत्री ने हरियाणा की धरती से बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ का नारा दिया, लेकिन उसके उलट भाजपा की केंद्र और राज्य सरकार ने हमारे देश का गौरव हमारी बेटियों पर ही अत्याचार करने शुरू कर दिए
तत्कालीन मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने तो विधानसभा में यहां तक कह दिया था कि मंत्री से इस्तीफा नहीं लेंगे, नहीं लेंगे, नहीं लेंगे, अब आरोप तय होने पर क्या कहेंगे?
गुनहगार मंत्री को बचाने के लिए मनोहर लाल खट्टर को मंत्री पद से हटाया जाए और तुरंत प्रभाव से महिला कोच को सरकारी कोच के पद पर बहाल किया जाए
चंडीगढ़, 30 जुलाई। इनेलो के प्रधान महासचिव अभय सिंह चौटाला ने कहा कि भाजपा सरकार द्वारा सत्ता के नशे में चूर होकर महिला कोच के साथ किए गए अन्याय के खिलाफ कोर्ट ने मंत्री रहे संदीप सिंह पर आरोप तय करके आखिरकार न्याय की उम्मीद जगा दी है। सबसे पहले इनेलो के चंडीगढ़ ऑफिस में एक प्रेस वार्ता कर महिला कोच को न्याय दिलाने की मुहिम छेड़ी गई थी। उसके बाद महिला कोच ने बहादूरी के साथ कानूनी लड़ाई लड़ी और चंडीगढ़ पुलिस ने संदीप सिंह के खिलाफ चार्जशीट दायर की। लेकिन भाजपा सरकार बेशर्मी से मंत्री संदीप सिंह को क्लीन चिट देती रही। तत्कालीन मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने तो विधानसभा में यहां तक कह दिया था कि मंत्री से इस्तीफा नहीं लेंगे, नहीं लेंगे, नहीं लेंगे। अब कोर्ट द्वारा आरोप तय करने पर क्या कहेंगे?
अभय सिंह चौटाला ने कहा कि देश के प्रधानमंत्री ने हरियाणा की धरती से बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ का नारा दिया था लेेकिन उसके उलट भाजपा की केंद्र और राज्य सरकार ने हमारे देश का गौरव हमारी बेटियों पर ही अत्याचार करने शुरू कर दिए। जंतर मंतर पर महिला खिलाड़ी विनेश फोगाट और शाक्षी मलिक ने भाजपा के सांसद बृजभूषण पर उत्पीडऩ के आरोप लगाए तब उन्हें सडक़ों पर बेरहमी से घसीटा गया। महिला खिलाडिय़ों के साथ इतने अत्याचार होने के बावजूद आज एक बार फिर से मनु भाकर ने ओलंपिक में दो ब्रोंज मेडल जीतकर देश का गौरव बढ़ाया है।
आज मनोहर लाल खट्टर और भाजपा सरकार इसका जवाब दे कि उनके मंत्री पर इतने गंभीर आरोप लगने के बाद भी उसको क्यों बचा रहे थे? किसी गुनहगार को शरण देना भी अपराध की श्रेणी में आता है इसलिए एक गुनहगार मंत्री को बचाने के लिए मनोहर लाल खट्टर को मंत्री पद से हटाया जाए और तुरंत प्रभाव से महिला कोच को सरकारी कोच के पद पर बहाल किया जाए।