18 अगस्त को रोहतक में प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक में लिया निर्णयवोट
फ़ॉर ओपीएस मुहिम को किया जाएगा तेज
15 अगस्त को अम्बाला, 01 सितंबर को हिसार और 08 सितंबर को रोहतक में होगा तिरंगा मार्च
पेंशन बहाली संघर्ष समिति हरियाणा की प्रदेश और सभी जिला कार्यकारणी की मीटिंग रोहतक में राज्य प्रधान विजेंद्र धारीवाल की अध्यक्षता में हुई ।मिटिंग का संचालन राज्य महासचिव ऋषि नैन ने किया। बैठक में 01 सितंबर को पंचकुला में होने वाले मुख्यमंत्री आवास घेराव कार्यक्रम बारे चर्चा की गई, 16 अगस्त को हरियाणा प्रदेश में चुनाव आयोग द्वारा आदर्श चुनाव आचार संहिता लगाई गई है, जिस कारण आपसी विचार विमर्श उपरांत मुख्यमंत्री आवास घेराव कार्यक्रम को स्थगित कर दिया गया। पेंशन बहाली संघर्ष समिति द्वारा पिछले छह वर्षों से पुरानी पेंशन बहाली के लिए लगातार राज्य, जिला व ब्लाक स्तर पर आंदोलन चलाया गया लेकिन सरकार द्वारा पेंशन बहाली की तरफ कोई उचित कदम नहीं उठाया गया जिस कारण प्रदेश के कर्मचारी वर्ग में भारी निराशा व्याप्त है। इसलिए समिति ने संघर्ष मीटिंग में निर्णय लिया कि आगामी समय में मंडल स्तर पर ओपीएस तिरंगा मार्च निकाला जाएगा। जिसमे 25 अगस्त को अंबाला, 01 सितंबर को हिसार और 08 सितंबर को रोहतक में ओ पी एस तिरंगा मार्च निकाला जाएगा।
उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि पूरे हरियाणा प्रदेश में पुरानी पेंशन के लिए वोट फॉर ओपीएस अभियान को धरातल पर और ज्यादा तेज किया जाएगा।अब पूरे प्रदेश में ओपीएस बहाली अभियान को प्रत्येक कर्मचारी अपने गांव और वार्ड में तेजी से चलाएंगे।
पेंशन बहाली संघर्ष समिति 2018 से लगातार प्रदेश के एनपीएस कर्मचारियों की सबसे बड़ी मांग पुरानी पेंशन के लिए सड़क से लेकर संसद तक आंदोलन कर चुकी है, परंतु सरकार द्वारा पेंशन बहाली हेतु उचित दिशा में कोई कदम नहीं उठाया गया, जिस कारण कर्मचारियों में भारी रोष व्याप्त है। पिछले वर्ष 19 फरवरी 2023 को मुख्यमंत्री आवास घेराव के बाद हरियाणा सरकार द्वारा एक कमेटी का गठन किया गया था लेकिन 03 मार्च 2023 की पहली बैठक के बाद अब तक कमेटी की दोबारा कोई मीटिंग नहीं हुई है।कमेटी ने कोई ठोस कार्यवाही आगे नहीं बढायी, कर्मचारियों में अपनी भविष्य सुरक्षा की बहाली के लिए नाराजगी बनी हुई है।
उन्होंने कहा कि कर्मचारी किसी पूंजीपति परिवार से न होकर एक किसान, गरीब, मजदूर , छोटे दुकानदार और छोटे व्यापारी के परिवार से आता है जिसका बुढ़ापे में एकमात्र सहारा पुरानी पेंशन होता है।
उन्होंने कहा कि एक देश में दो विधान नहीं चलेंगे , विधायक और सांसद शपथ लेते ही पेंशन का अधिकारी बन जाता है और कर्मचारी 30 वर्ष की सेवा के बाद भी पेंशन से वंचित रहता है। यहां तक कि विधायक या सांसद एक से अधिक बार विधायक या सांसद बनने पर एक पेंशन की बजाय कई कई पेंशन पाते हैं। इस अवसर पर समस्त राज्य कार्यकारिणी, महिला विंग प्रभारी और समस्त जिला प्रधान व जिला कार्यकारिणी शामिल रही।