शहीदो को नमन करने के लिए कारगिल से रोहतक पहुंचा 12 साल का छोरा
विनेश फोगाट को फाइनल से पहले अधिक वजन होने के कारण महिला कुश्ती 50 किग्रा से डिस्क्वालिफाई घोषित कर दिया गया। वह फाइनल में हिस्सा नहीं ले पाएंगी। इस पर जयहिन्द सेना सुप्रीमो डॉ. नवीन जयहिन्द ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा की अगर पहलवान विनेश फौगाट डिस्क्वालिफाई न होती तो वह भारत के लिए रजत पदक तो जरूर जीत कर लाती क्युकी इससे पहले जो भी कुश्तियां उन्होंने जीती है उनमें उनका वजन बराबर था।
जयहिन्द ने कहा की पहलवान विनेश फौगाट एक चैंपियन और पूरे भारत देश का गौरव है। पूरा देश तुम्हारे साथ खड़ा है, योद्धा कभी निराश नहीं होते। मैडल जीतने से बड़ा काम तुमने देश का दिल जीतने का किया है। साथ ही वह ओलंपिक के फाइनल में पहुंचने वाली पहली महिला पहलवान बनीं थीं।
गौरतलब है कि वुमेंस फ्रीस्टाइल 50kg भारवर्ग में विनेश फोगाट ने प्री-क्वॉर्टर फाइनल में जापान की उस प्लेयर को हराया था, जो मौजूदा नंबर वन कुश्ती प्लेयर है और टोक्यो ओलंपिक में उसने गोल्ड मेडल जीता था। विनेश फोगाट ने जापान की यूई सुसाकी को 3-2 से हराकर इतिहास रचा था।
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*शहीदो को नमन करने के लिए कारगिल से रोहतक पहुंचा 12 साल का छोरा*
एक 12 वर्षीय लकड़ा आरव भारद्वाज जो की अपने दादा, पिता व परिवार के अन्य सदस्यों के साथ कारगिल से दिल्ली तक की यात्रा साइकिल पर कर रहा है, वह आज स्टेडियम के सामने जयहिन्द के तम्बू(रोहतक) में पहुंचा जहां जयहिन्द ने फूलों से उनका स्वागत किया। आरव का मुख्य उद्देश्य कारगिल में शहीद हुए जवानों को नमन करना है।
आरव ने बताया की मैंने यह यात्रा कारगिल वार मेमोरियल से शुरू की थी और यह यात्रा 8 अगस्त को नेशनल मेमोरियल दिल्ली में पूरी होगी। यह यात्रा 1200 किलोमीटर की है इस यात्रा को पूरा करने में मुझे 13 दिन लगेंगे।
आरव ने बताया इससे पहले भी दो साल पहले 75वें आजादी अमृत महोत्सव व नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 125वीं जयंती मनाने के लिए मणिपुर से लेकर दिल्ली तक साइकिल यात्रा की थी। साथ ही आरव ने कहा की या तो बच्चे डिफेंस सर्विसिस में जाएं देश की सेवा करने के लिए या फिर वे बड़े होकर खेल जगत में देश का नाम रोशन करें।
जयहिन्द ने आरव का हौंसला बढ़ाते हुए कहा सभी बच्चों व नौजवानों को आरव से प्रेरणा लेनी चाहिए। की एक 12 साल का लड़का शहीदों को नमन करने के लिए साइकिल यात्रा कर रहा है।